General Rules
General Rules
1. प्रवेश सम्बन्धी सर्वाधिकार प्राचार्य के पास सुरक्षित है ।
2. प्राचार्य एवं प्राध्यापकों के अनुशासनात्मक आदेशों का पालन करना प्रत्येक छात्र के लिए अनिवार्य है ।
3. प्राचार्य को अनुशासन हीनता के प्रकरणों में छात्रों को महाविद्यालय से निष्कासित करने का अधिकार है
4. माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार रैगिंग एक दंडनीय अपराध है । रैगिंग मे लिप्त विद्यार्थियों को महाविद्यालय से निष्काषित किया जा सकता है ।
5. प्रत्येक कालखंड में नियमित उपस्थिति अनिवार्य है ।
6. महाविद्यालय परिसर को स्वच्छ रखना प्रत्येक छात्र का कर्त्तव्य है ।
7. महाविद्यालय के उपकरणों को नुकसान पहुंचना दंडनीय अपराध है ।
8. महाविद्यालय परिसर में शालीन व्यवहार करे, अभद्र व्यवहार, असंसदीय भाषा प्रयोग, गाली गलौच, मारपीट या अस्त्रों का प्रयोग न करे ।
9. महाविद्यालय परिसर मे मोबाइल एवं पोलिथीन का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है ।
Library Rules
1. छात्रों को एक समय में एक ही पुस्तक मिल सकती है जिसे वह 15 दिनों तक रख सकता है ।
2. पुस्तकालय की पुस्तकों में लिखना, रेखांकित करना, पृष्ठ निकालना या किसी प्रकार की क्षति पहुंचना दंडनीय है ।
3. पुस्तकों को गुमा देने पर पुस्तक की कीमत की राशि वसूल की जाएगी ।
4. पुस्तकालय की पुस्तकें निर्मलता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पूर्व वापस करनी होगी ।
5. निर्धारित समय पर पुस्तकें वापस करना अनिवार्य है ।
6. वाचनालय में सम सामयिक पत्र पत्रिका एवं समाचार पत्रों की पृथक सुविधा उपलब्ध है ।
Exam Related Rules
- विश्वविद्यालय की परीक्षाओं मे सम्मिलित होने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिती अनिवार्य है ।
- सभी जाँच परीक्षाओं में विद्यार्थी को सम्मिलित होना आवश्यक है ।
- परीक्षा मे या किसी प्रकार का अनुचित लाभ लेने या अनुचित साधनो का प्रयोग करने का प्रयत्न गंभीर प्रकरण माना जाएगा ।
Ragging
माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार रैगिंग दंडनीय अपराध है । अतः विद्यार्थी निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देवें ।
- किसी विद्यार्थी के विरुद्ध रैगिंग की शिकायत मिलने पर उसके विरुद्ध तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज करवायी जायेगी ।
- रैगिंग के आरोपी विद्यार्थी का महाविद्यालय से निष्कासन कर दिया जायेगा ।
- पूर्व मे रैगिंग मे लिप्त विद्यार्थी को महाविद्यालय की किसी भी क्लास मे प्रवेश नहीं दिया जायेगा ।
- छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अधीन बनाए गए अध्यादेश क्रमांक 7 की धारा 13 के अनुसार महाविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा महाविद्यालय में अथवा बाहर अनुशासन भंग किए जाने या दुराचरण किए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्राचार्य सक्षम है ।
- अनुशासनहीनता के लिए उक्त अध्यादेश में निम्नांकित दंड का प्रावधान है ।
(1) निलंबन (2) निष्कासन (3) विश्वविद्यालय परीक्षा में सम्मिलित होने से रोकना ।